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अच्छा लगता है। thought by snehpremchand

रूठना भी तब अच्छा लगता है,
जब कोई मनाने वाला हो
 रोना भी तब अच्छा लगता है
जब कोई आंसू पोछने वाला हो
गुनगुनाना भी तब अच्छा लगता है
जब कोई सुनने वाला हो
सजना भी तब अच्छा लगता है
जब कोई देखने वाला हो
और
 कहीं जाना भी तब अच्छा लगता है 
जब कोई बुलाने वाला हो
इंतज़ार करने वाला हो
मायका भी तब अच्छा लगता है
जब वहां मा बाबा हों।।
         स्नेहप्रेमचंद

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