जो जहां है वो वहीं रहे,
किसी को कहीं बाहर नहीं जाना है।
जान है तो जहान है,
इस वैश्विक महामारी को,
संकल्प और संयम के हथियारों
से हराना है।।
सबको देना है साथ इसमें,
संगठन और सफलता का
याराना पुराना है।।
कायनात भी देती है साथ सदा,
सामूहिक प्रयासों का रूप सुहाना है।।
आस्था दीप में जला ज्योति सौहार्द की
पूरे जग में सुंदर सा दीप जलाना है।।
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