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दिल

दिल ने एक दिन कहा धड़कन से,
ज्यों ही तुम चली जाती हो
मैं तत्क्षण ही थम जाता हूँ।
फिर चाहे कोई कर ले लाख कोशिशें,
नही लौट के आता हूँ।।
तुम हो तो मैं हूँ प्रिय,
तुम चेतना मैं प्रेम बन जाता हूँ।।
              स्नेहप्रेमचंद

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