जैसे कूलर में पानी ज़रूरी है,
जैसे गुब्बारे में हवा ज़रूरी है,
जैसे दिल मे धड़कन ज़रूरी है,
जैसे मा में ममता ज़रूरी है,
जैसे बीमारी में दवा ज़रूरी है,
जैसे सूरज में तेज ज़रूरी है,
जैसे प्रकृति में हरियाली ज़रूरी है,
जैसे सांस लेने के लिए पवन ज़रूरी है,
जैसे चोट पर मरहम ज़रूरी है,
जैसे गाड़ी में पेट्रोल ज़रूरी है,
जैसे किताब में अल्फ़ाज़ ज़रूरी है,
जैसे मटके में मिठास ज़रूरी है,
जैसे सावन में बरखा ज़रूरी है,
जैसे पलँग पर तकिया ज़रूरी है,
जैसे मा के लिए बेटी ज़रूरी है,
जैसे पिता में सुरक्षा ज़रूरी है,
जैसे प्राणी में करुणा ज़रूरी है,
वैसे ही रिश्ता बनाये रखने के लिए संवाद ज़रूरी है।।।।।
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