मेरी जिंदगी की किताब के को सबसे अनमोल किरदार।
मैं हर्फ दर हर्फ तुम्हें पढ़ती गई,
हुए जब से मेरे जीवन में शुमार।।
मैं लम्हा लम्हा तुम से जुड़ती गई ,
चाहा करना तेरा सदा दीदार।।।
तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा,
कर लिया तुम्हें अंगीकार।।।।
और अधिक नहीं आता कहना,
प्रेम ही हर रिश्ते का आधार।।।।।
प्रेम बिना है यह जग सूना,
जान ले सकते सारा संसार।।।।।।
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