संगठन में होती है शक्ति,
सिद्ध करता है परिवार।
एक बात आती है समझ में
प्रेम ही बस इस का आधार।।
परिवार खड़ा हो अगर संग में
सुख दूने दुख आधे रह जाते हैं।
वे अपने ही तो हैं इस जग में
जो हमें खोई राह दिखाते हैं।।
उलझ पुलझ सी इस ज़िन्दगी
के ताने बानों को आगे बढ़ कर
सुलझाते हैं।
शायद यही रहा होगा कारण
दिन के हर पहर में,जेहन में वे
भागे चले आते हैं।।
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