दूसरे व्यक्ति हमारे साथ क्या व्यवहार करेंगें
हम नही जानते,हम उनके साथ अच्छा भी करें तो भी ज़रूरी नही वो हमारे साथ अच्छा व्यवहार करेंगे,परिणामस्वरूप दुख और अवसाद का जन्म होता है।इससे छुटकारा पाना है तो अपना ध्यान केंद्र बदलना होगा।हम खुश भी तब ही रह पाएंगे,अपने जीवन का एक उद्देश्य बना कर, उस दिशा में काम के,ही तृप्ति होगी।
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