ज़िन्दगी के अनुभव एक बात तो सिखा गए।
लेने में नही देने में मिलती है खुशी,
खुशी के मायने बता गए।
किसी भूखे की भूख मिटा कर देखो,
वस्त्रहीन को वस्त्र पहना कर देखो,
घरौंदा नही गर किसी का,छोटा सा आशियाना दिला कर देखो।
मांसाहारी का मांस छुड़ा कर देखो।
बिछड़ों को अपनो से मिलवाकर देखो।
दर्द उधारे लेकर तो देखो।
किसी को आत्मनिर्भर बना कर देखो।
किसी निर्धन को किताबें दिला कर देखो।
किसी गरीब की बेटी का ब्याह करा कर देखो।
किसी बीमार को दवाई दिला कर देखो।
ये सब खुशियों के पते हैं,
एक बार तो द्वार खटखटा कर देखो।
खुशी दौड़ी चली आएगी।संग में जेहन ए सुकून भी लाएगी।।
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