सपने वे हैं जो हमे सोने नही देते।।।।
स---पने हों ऊंचे,हों बुलंद इरादे,
कर्म की कावड़ में मेहनत का जल
भरने वाले थे अब्दुल कलाम।।
प---नपे नई सोच का अद्भुत अंकुर हर दिलोदिमाग में,
हर जीवन फिर बन जाये आसान।।
ने--क थी नीयत, नेक थी सीरत,
धीरज की बाँसुरी से कर्म की मनमोहक धुन बजाने वाले थे अब्दुल कलाम।।
वे---बहुत खास थे,एक मीठी आस थे,
अनदेखी,अन खोजी राहों पर चलने हेतु,
प्रेरित करने वाले थे अब्दुल कलाम।।
हैं---आज नही वो संग हमारे,
पर अनमोल सीख तो उनकी सदा संग रहेगी।
जो----देखो सपना,उसे पूरा करने की ठानो, आत्मा अब्दुल कलाम की आज भी यही कहेगी।
ह---र हालत में तुम सोचो सकारात्मक,,
कर्म की लेखनी से किस्मत का भाग्य बदल डालो।
में---हनत की चम्मच से पीयो ज्ञान का प्याला,व्यर्थ की कुंठाएं किसी भी हाल में मत पालो।
सो---ने सा सुंदर दिल था उनका,कुदरत की नायाब कृति थे अब्दुल कलाम।
ने---की,विनम्रता,साहस,धीरज का अद्भुत सा पर्याय थे अब्दुल कलाम।
न---कारात्मक नही हुए कभी भी विषम हालातों में,जर्म की खड़ाऊं से सफलता के मार्ग पर चलने वाले थे अब्दुल कलाम।
ही---रा भी कोहेनूर थे वे,परखने वाले जौहरी ही थे बस कम।
दे---ना ही देना सीखा जिन्होंने,बांटा ज्ञान, कम किये लोगों के गम।।
ते---रा मेरा,काशी काबा कुछ नही मानते थे,
उनकी वसुधैव कुटुम्बकम की सोच को दिल से सलाम।।
स्नेह प्रेमचंद
Comments
Post a Comment