माँ के बारे में कोई कैसे न सोचें,
इस सोच को भी नही सोचा जाता।
हमे इस दुनिया मे लाने वाली से,
सबसे गहरा होता है नाता।
मात पिता के ऋण से हम
कभी उऋण नही हो पाएंगे।
यूँ ही चलती रहेगी दुनिया,
युग आएंगे ,युग जाएंगे।।
हैं जो सच्ची आत्मा हैं जग में,
वो मात पिता को कभी भुला न पाएंगे।।
युग आएंगे,युग जाएंगे,
कपाल के भाल पर हम जाने क्या क्या अंकित कर जाएंगे।।
स्नेह प्रेम चन्द
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