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Thought on flower by sneh premchand महक

फूलों ने अपने वजूद की महक से,
एक पाठ तो बखूबी सिखाया है।
बेशक हों दामन में कितने ही कांटे,
पर सुमन ने अपनी महक से पूरा चमन 
महकाया है।।
पुष्प के जैसे ही कुछ तो
 होते हैं लोग भले,
बेशक हों राह में लाख मुसीबत,
पर सुकून भरा होता उनका साया है।।
          स्नेह प्रेमचंद

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