सबसे पहली,सबसे अच्छी,सबसे शुभचिंतक,बहुत ही खास शिक्षक होती है माँ।
ज़िन्दगी का अनुभूतियों से परिचय कराने वाली,अहसासों को अभिव्यक्ति दिलाने वाली होती है माँ।
हर क्यों,कैसे,कब,कहाँ का सहजता से उत्तर देने वाली होती है माँ।
ज़िन्दगी की रेल की पटड़ी होती है माँ।
संस्कारों की घुट्टी पिलाने वाली,चेहरे पर मुस्कान लाने वाली होती है माँ।
माँ से बड़ा शिक्षक प्रेमवचन को तो नज़र भी नही आता,महसूस भी नही होता,आप को?
स्नेह प्रेमचन्द
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