आज जन्मदिन है जिनका,आए उनके जीवन मे सदा बहार,
करते थे,करते हैं, करते रहेंगे सदा इनसे प्यार,
मेरे घर आई एक नन्ही कली,बचपन मे एक नगमा अक्सर गुनगुनाती थी,
सच मे मेरी सखी एक कली हो तो थी,जो सच मे जाने कहाँ से मेरे घर मे दौड़ी चली आती थी,
समय का ऐसा घूमा पहिया,हौले हौले अहसासों में सखी समाई थी,
सुख हो या फिर दुख की बेला, वो कब नही घर मेरे आई थी।
रोज़ मिलन की कशिश थी मन मे,आने से उसके समा में बहारें आई थी,
बेशक जगह से दूर हुए हैं, पर मन का एक कोना घर उसके छोड़ कर आई हूं,
प्यारी बिटिया,सखी,सहेली मेरी,एक तोहफा दुआओं का तेरे लिए मैं लाई हूँ,
एक पीहर और भी है तुम्हारा,यही समझ लेना उपहार,
खुशियां दे दस्तक सदा चौखट पर तुम्हारी,हों सपनो में भी तेरे दीदार।।
आज जन्मदिन है जिनका,आए उनके जीवन मे सदा बहार,
बेहक वक़्त के पहिये ने कर दिया जुदा हमको,पर मन मे मिलन का आज भी रहता है इंतज़ार,
आने से जिसके आए बहार, गाती थी ये नगमा मैं जिसके लिए बारम्बार,
जिससे मिलना ही होता था पर्व,उत्सव,तीज,त्योहार,
एक दुआ है लाड़ो आज के रोज़,ज़िन्दगी करे तेरी सदा प्रेम का श्रृंगार,
तुझसे रिश्ता है इतना गहरा,मुलाक़ातें ही बस नही इनका आधार,
और अधिक नही आता कहना,करती थी,करती हूं,करती रहूंगी सदा तुझसे प्यार,
कोई कांटा भी न चुभे तुझे इस जीवनपथ पर,
यही दुआ कर लेना स्वीकार।।
सच में बहुत अहबाब हो तुम,
मेरे लिए बहुत खास हो तुम,
मात्र मुलाकात ही नहीं दोस्ती का आधार।।
कल कल नदिया सी बहती रहना,
चेतना का स्पंदन करे तेरा श्रृंगार।।
हर वो खुशी मिले तुझ को, जिसे किया गए तूने दिल से प्यार।
आज जन्मदिन हे जिसका आए उसके जीवन में सदा बहार।।
Comments
Post a Comment