मात्र ब्लैक एंड वाइट नहीं है ज़िन्दगी,
इसके तो हैं रंग हजार।
पर सबसे प्यारा रंग है प्रेम का,
प्रेम ही जीवन का आधार।।
बहुत ताकत है प्रेम में,
असम्भव भी सम्भव हो जाता है।
मोह और प्रेम में है अंतर भारी,
मोह तन का तो प्रेम रूह का रूह से नाता है।।
किसी को जलदी किसी को देर से,
पर समझ सभी को आता है।।
प्रेम ही तो है तो इस क्षणभंगुर से
जीवन मे, जो स्थाई सी खुशियां लाता है।।
प्रेम की मेहंदी का रंग जो चढ़ जाए एक बार,फिर ताउम्र उतर नहीं पाता है।।
ढाई अक्षर प्रेम से बेशक न पढ़े हर कोई,
पर इतना प्यारा है पाठ्यक्रम इसका,
बिन पढ़े ही समझ सभी को आता है।।
प्रेम ही है जीवन का सच्चा श्रृंगार।
मात्र ब्लैक एंड वाइट नहीं है ज़िन्दगी,
इसके तो हैं रंग हजार।।
स्नेह प्रेमचंद
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