"अकाल मृत्यु हरणम सर्व व्याधि विनाशनम" अकाल मृत्यु न हो,
सब रोग मिटें,इसी भाव से ओतप्रोत है धनतेरस का पावन त्यौहार।
आज धनतेरस है,धन्वंतरि त्रयोदशी, धन्वंतरि जयंती, करे आरोग्य मानवता का श्रृंगार।।
आज ही के दिन सागर मंथन से प्रकट हुए थे धन्वंतरि भगवान।
आयुर्वेद के जनक हैं जो,कम हैं, करें, जितने भी गुणगान।।
प्राचीन और पौराणिक डॉक्टर्स दिवस है आज,
धनतेरस के महत्व को नहीं सकता कोई भी नकार।
"अकाल मृत्यु हरनम, सर्व व्याधि विनाशनम"
इसी भाव से ओत प्रोत है धनतेरस का पावन त्यौहार।।
करे दीपदान जो आज के दिन,नहीं होती अकाल मृत्यु,होती दूर हर व्याधि रोग और हर बीमारी के आसार।।
आज धनतेरस है,धन्वंतरि त्रयोदशी,धन्वंतरि जयंती,करे आरोग्य मानवता का श्रृंगार।।।
स्नेह प्रेमचंद
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