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मायने दीवाली के ( Thought on Diwali by Sneh premchand)

दीवाली के मायने तब ही सार्थक होंगे जब महलों संग हर झोंपड़ी में भी आशा दीप जलेंगे।।

दीवाली का मतलब है सबके शौक न सही पर जरूरतें तो पूरी हों।।

दीवाली का तात्पर्य है अधर्म पर धर्म की विजय,असत्य पर सत्य की विजय हो।।

दीवाली के मायने हैं सर्वत्र रामराज्य हो,सब निर्भय हों,भेदभाव की परिपाटी न हो,सुख,शांति और समृद्धि का सर्वत्र वास हो।।

दीवाली का अर्थ है, मन के तमस को हर कर मन में स्नेह दीप प्रज्वलित करना।।

दीवाली का मतलब है कोई न कोई सबल निर्बल का हाथ थाम ले।।

दीवाली का सही अर्थ है,अन्याय की मावस पर न्याय की पूनम का चांद चमकना।।

दीवाली का मूल भाव है,विकारों पर विजय पाना,अहंकार,अन्याय के दानव का दमन करना।।

दीवाली का पर्व कहता है बडों का आदर सम्मान हो,वचन का पालन हो,रिश्तों में प्रेम सरिता निर्बाध गति से प्रवाहित हो।।
 
दीवाली का सही मायनों में भाव है कहीं भी ज्ञान,शिक्षा,ज़रूरतों और संस्कार का अंधेरा न हो।।

दीवाली का अर्थ है,मन के रावण पर विजय पाकर मन के राम को जगाना।।

दीवाली का अर्थ है, मर्यादा,धर्म,दया का सदा दामन थामे रखना।।

मुझे तो यही समझ में आता है, आपको???

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