ज़िन्दगी का अनुभूतियों से परिचय कराने वाली माँ होती है, हर क्या का जवाब माँ होती है, हर क्रियाकलाप का हिसाब माँ होती है, हर उत्सव,हर उल्लास माँ होती है, हमे हम से ज्यादा जानने वाली मां होती है, शक्ल देख हरारत पहचानने वाली भी मां होती है।। शिक्षा होती है माँ,माँ संस्कार होती है, माँ जीवन की सबसे सुंदर किताब होती है, बस हम पढ़ ही नही पाते उस किताब का हर सुन्दर हर्फ़, माँ खुदा की सर्वोत्तम कृति,माँ सच में लाजवाब होती है।। स्नेह प्रेमचंद