काश कोई ऐसा बैंक होता,
जहां बीते लम्हे जमा करा पाते।
ऐसा एटीएम होता,
जहां से अतीत की मधुर स्मृतियां
झट से निकल जाती।
ऐसी पास बुक होती,जिस में मात पिता की स्मृति की हर एंट्री हो जाती।
ऐसी चेक बुक होती,
जो आशा के चेक काट हर हाथ में थमा देती।।
काश कोई ऐसा ऑन लाइन ट्रांसफर सिस्टम होता,
जिसमे प्रेम,उम्मीद,करुणा पल भर में हर हिवड़े में ट्रांसफर हो जाती।।
कोई ऐसी एफ डी होती,जो मात पिता के साए तले लम्हे बिताए थे,वे दुगना हो कर लौट आते।।
गर ऐसा होता तो ब्याज लेने की बजाय दे देते।।
कभी खाता बंद न होने देते,किसी भी सूरत ए हाल में।।
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