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गौतम बुद्ध की ये दस बातें (((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा)))

तीन चीज़ें कभी नहीं छुप सकती
चांद,सूरज और सत्य,
बता गए ये सच्चाई बुद्ध सब को,
जाने ये सारा संसार।
आज बुद्ध न्पूर्णिमा के दिन आओ,
समझें उनकी शिक्षा का सार।।

अपने क्रोध के लिए नहीं,
क्रोध द्वारा होते हैं हम दंडित,
जाने दूज़ी शिक्षा ये सारा संसार।
आज बुद्ध पूर्णिमा के दिन आओ,
समझें उनकी शिक्षा का सार।।

यह बात महत्व की नहीं कि क्या किया जा चुका,
यह महत्वपूर्ण है कि क्या किया जाना है बाकी, 
ताकि निभा सकें सही किरदार।
आज बुद्ध पूर्णिमा के दिन आओ,
समझें उनकी शिक्षा का सार।।

अपने को वश में कर लिया हो जिसने,
उसकी जीत को तो देव भी नहीं पहना सकते हैं हार का हार।।


समझदारी से जीए लम्हे बेहतर हैं हजारों सालों से भी,
बुद्ध समझा गए इस शिक्षा का भी सार।।

घृणा को घृणा से नहीं,
प्रेम से किया जा सकता है खत्म,
यही इस प्राकृतिक सत्य का आधार।।

सोच,कर्म और परिणाम की त्रिवेणी सदा ही बहती आई है।
हम जो सोचते हैं वही बनते हैं,
मन पावन हो तो खुशी बनती परछाई है।।
कितना सत्य है ये कथन,आता है समझ जीवन का सार।।

अपने मोक्ष के लिए कोशिश भी करनी पड़ती है खुद ही,दूसरों पर निर्भर नहीं हो सकते कभी,
यही उनकी शिक्षा का सार।।

शारीरिक आकर्षण आंखों को आकर्षित करता है,पर अच्छाई करती है मन को,यह भी उनकी शिक्षा का सार।।

अतीत में सोची गई सोच का परिणाम है हमारा आज,जो सोचते हैं, हम वही बन जाते हैं,
जान ले इस शिक्षा को भी संसार।।
              स्नेह प्रेमचंद

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