सबसे प्यारा सबसे न्यारा ,ममता की सौंधी सौंधी सी महक लिए दिनों दिन और भी ही गहराता।
होता है सिर्फ और सिर्फ मां बेटी का नाता।।
सुनने में बेशक अच्छा लगे बेटा हुआ है,पर जीने में बेटी सा कोई और नहीं सुहाता।
अपनी ही परछाई तो होती है बिटिया रानी,जिक्र भी जिसका जेहन में सुकून है लाता।।
जीवन के इस अग्निपथ पर बेटी होती है ठंडी फुहार।
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