नही चाहिए मुझे सोनाचाँदी,
ना ही है कोई अपने हिस्से की अभिलाषा।
रखना ध्यान तुम माँ बाप का भाई,
है हर बहन की यही भाई से आशा।।
कुछ लेने नही आती हैं पीहर बहने,
वो बस बचपन के कुछ पल चुराने आती है,देखना चाहती हैं सुकून और शांति माँ बाप के मुखमंडल पर,वो तो घर को रोशन कर जाती हैं,,,,,,,,,हर बहिन की अभिलाषा
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