इमारत हैं कान्हा,तो आधार हूँ मैं
विश्वास हैं कान्हा,तो प्यार हूँ मैं।
इबादत है कान्हा,तो मस्ज़िद हूँ मैं
सरोवर है कान्हा ,तो जल हूँ मैं।
परिंदा है कान्हा ,तो पँख हूँ मैं
परीक्षा है कान्हा,तो अंक हूँ मैं।
नदिया है कान्हा,तो बहाव हूँ मैं
समझौता है कान्हा,तो सुझाव हूँ मैं।
बादल हैं कान्हा, तो बरखा हूँ मैं
सूत है कान्हा,तो चरखा हूँ मैं।
अभिव्यक्ति है कान्हा,तो अहसास हूँ मैं
श्रम है कान्हा,तो विकास हूँ मैं।।
इमारत हैं कान्हा,तो आधार हूँ मैं
विश्वास हैं कान्हा,तो प्यार हूँ मैं।
इबादत है कान्हा,तो मस्ज़िद हूँ मैं
सरोवर है कान्हा ,तो जल हूँ मैं।
परिंदा है कान्हा ,तो पँख हूँ मैं
परीक्षा है कान्हा,तो अंक हूँ मैं।
नदिया है कान्हा,तो बहाव हूँ मैं
समझौता है कान्हा,तो सुझाव हूँ मैं।
बादल हैं कान्हा, तो बरखा हूँ मैं
सूत है कान्हा,तो चरखा हूँ मैं।
अभिव्यक्ति है कान्हा,तो अहसास हूँ मैं
श्रम है कान्हा,तो विकास हूँ मैं।।
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