लो दिसम्बर से जीने से उतर कर आखिरी सीढी पर आ ही गया 2021,और जनवरी की सीढ़ी चढ़नेको 2022 खड़ा है तैयार।
चंद लम्हो की ही तो और बात है,हों हम सब ऊपरवाले के शुक्रगुजार।
शिकवे,शिकायत की अब जलाकर होली,शुक्रिया की दीवाली का करें आगाज़।
प्रेम से बीते सब का ये नववर्ष,ईर्ष्या,द्वेष का बजे न साज।।
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