Skip to main content

आ गई एल आई सी की धन रेखा((A poem related to LIC plan *Dhan Rekha*by Sneh Premchand))

क्या आपने अब तक नहीं देखा???
अधिक सुरक्षा,अधिक बचत,अधिक मुनाफा ले कर आ गई एल आई सी की धन रेखा।।

सच में है ये एल आई सी की अनोखी,आकर्षक,गारंटीड एडिशन वाली अदभुत मनी बैक प्लान।
यूं ही तो नहीं कहा जाता,
एल आई सी, सा नहीं कोई भी वित्तीय संस्थान।।
अदभुत संस्था,अनोखे उत्पाद,
मूल में इसके जनकल्याण।।
सच में एल आई सी,मानवता को वरदान।।
*योगक्षेम व्हाम्ह्य*का सदा ही करती है आहवान।।
क्या आपने अभी तक नहीं देखा???
इन सब खूबियों से लबरेज आ गई है निगम की धनरेखा।।

क्या आपने अभी तक नहीं देखा???
*महिला जीवन* पर विशेष प्रीमियम रेट ले कर आ रही है एल आई सी की धन रेखा।।
पुरुषों से दो वर्ष कम प्रीमियम रेट पर उपलब्ध है ये अद्भुत गारंटीड एडिशन वाली मनी बैक प्लान।
यूं ही तो नहीं कहा जाता,
नहीं एल आई सी सा कोई वित्तीय संस्थान।।
महिलाओं के लिए इस खास उपहार को क्या आपने अब तक नहीं देखा????
इस विशेष आकर्षण को ले कर आ गई एल आई सी की धन रेखा।।

क्या आपने अभी तक नहीं देखा????
छठे वर्ष से बढ़ता हुआ *गारंटीड एडिशन*आप कैसे कर सकते हैं अनदेखा???
इस विशेषता को आंचल में समेटे,
आ गई निगम की धनरेखा।।

क्या आपने अभी तक नहीं देखा???
प्रीमियम भुगतान के लिए सिंगल और लिमिटेड अवधि के भुगतान का विकल्प ले कर आ गई एल आई सी की धन रेखा।।

क्या आपने अभी तक नही देखा???
नियमित अंतराल पर मनी बैक को कैसे कर सकते हैं अनदेखा??
इस आकर्षण को आंचल में समेटे आ गई निगम की धनरेखा।।

क्या आपने अभी तक नहीं देखा???
परिपक्वता राशि से मनी बैक की कोई कटौती नहीं, 
इतने विशेष आकर्षण को कैसे कर सकते हैं अनदेखा।
गागर में सागर भर कर आ गई निगम की धनरेखा।।

क्या आपने अभी तक नही देखा???
लिमिटेड प्रीमियम में मृत्यु लाभ मिलता है धन का 125 प्रतिशत या वार्षिक प्रीमियम का सात गुणा जो भी अधिक हो ,इतने आकर्षक केंद्र बिंदु को कैसे कर सकते हो अनदेखा??
अधिक सुरक्षा,अधिक बचत,अधिक मुनाफा ले कर आ गई एल आई सी की धन रेखा।।

क्या आपने अब तक नहीं देखा???
परिपक्वता लाभ में मिलता है मूल बीमा धन एवम संगृहीत गारंटीड एडिशन,इनको कैसे कर सकते हैं अनदेखा???
और भी अनेक विशेषताएं अपने झोले में सहेज कर आई है एल आई सी की धन रेखा।
क्या आपने अभी तक गौर से नहीं देखा???
एल आई सी  न्यू क्रिटिकल illness rider, प्रीमियम वेवर बेनिफिट,न्यू टर्म एश्योरेंस राइडर, एल आई सी ए बी राइडर,
 अनेक आकर्षण मस्तक पर सजाए आ गई निगम की धनरेखा।।

क्या आपने अभी तक नहीं देखा???
एकल प्रीमियम में पॉलिसी के तीन महीने बाद ही ऋण की सुविधा को कैसे कर सकते हैं अनदेखा???
लिमिटेड प्रीमियम में दो वर्ष के प्रीमियम देने के बाद ऋण की सुविधा ले कर आ गई एल आई सी की धन रेखा।।
क्या सच में आपने अभी तक नहीं देखा????
नहीं देखा तो देख लीजिए।।
          स्नेह प्रेमचंद









Comments

Popular posts from this blog

वही मित्र है((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

कह सकें हम जिनसे बातें दिल की, वही मित्र है। जो हमारे गुण और अवगुण दोनों से ही परिचित होते हैं, वही मित्र हैं। जहां औपचारिकता की कोई जरूरत नहीं होती,वहां मित्र हैं।। जाति, धर्म, रंगभेद, प्रांत, शहर,देश,आयु,हर सरहद से जो पार खड़े हैं वही मित्र हैं।। *कुछ कर दरगुजर कुछ कर दरकिनार* यही होता है सच्ची मित्रता का आधार।। मान है मित्रता,और है मनुहार। स्नेह है मित्रता,और है सच्चा दुलार। नाता नहीं बेशक ये खून का, पर है मित्रता अपनेपन का सार।। छोटी छोटी बातों का मित्र कभी बुरा नहीं मानते। क्योंकि कैसा है मित्र उनका, ये बखूबी हैं जानते।। मित्रता जरूरी नहीं एक जैसे व्यक्तित्व के लोगों में ही हो, कान्हा और सुदामा की मित्रता इसका सटीक उदाहरण है। राम और सुग्रीव की मित्रता भी विचारणीय है।। हर भाव जिससे हम साझा कर सकें और मन यह ना सोचें कि यह बताने से मित्र क्या सोचेगा?? वही मित्र है।। बाज़ औकात, मित्र हमारे भविष्य के बारे में भी हम से बेहतर जान लेते हैं। सबसे पहली मित्र,सबसे प्यारी मित्र मां होती है,किसी भी सच्चे और गहरे नाते की पहली शर्त मित्र होना है।। मित्र मजाक ज़रूर करते हैं,परंतु कटाक...

बुआ भतीजी

सकल पदार्थ हैं जग माहि, करमहीन नर पावत माहि।।,(thought by Sneh premchand)

सकल पदारथ हैं जग मांहि,कर्महीन नर पावत नाहि।। स--ब कुछ है इस जग में,कर्मों के चश्मे से कर लो दीदार। क--ल कभी नही आता जीवन में, आज अभी से कर्म करना करो स्वीकार। ल--गता सबको अच्छा इस जग में करना आराम है। प--र क्या मिलता है कर्महीनता से,अकर्मण्यता एक झूठा विश्राम है। दा--ता देना हमको ऐसी शक्ति, र--म जाए कर्म नस नस मे हमारी,हों हमको हिम्मत के दीदार। थ-कें न कभी,रुके न कभी,हो दाता के शुक्रगुजार। हैं--बुलंद हौंसले,फिर क्या डरना किसी भी आंधी से, ज--नम नही होता ज़िन्दगी में बार बार। ग--रिमा बनी रहती है कर्मठ लोगों की, मा--नासिक बल कर देता है उद्धार। हि--माल्य सी ताकत होती है कर्मठ लोगों में, क--भी हार के नहीं होते हैं दीदार। र--ब भी देता है साथ सदा उन लोगों का, म--रुधर में शीतल जल की आ जाती है फुहार। ही--न भावना नही रहती कर्मठ लोगों में, न--हीं असफलता के उन्हें होते दीदार। न--र,नारी लगते हैं सुंदर श्रम की चादर ओढ़े, र--हमत खुदा की सदैव उनको मिलती है उनको उपहार। पा--लेता है मंज़िल कर्म का राही, व--श में हो जाता है उसके संसार। त--प,तप सोना बनता है ज्यूँ कुंदन, ना--द कर्म के से गुंजित होता है मधुर व...