और कहीं फिर क्यों हों जाना???
एल आई सी निवेश का,
सबसे बेहतर खजाना।
*योगक्षेम व्यामहम* का बजा रहा सतत 65 बरसों से तराना।
*जीवन के साथ भी जीवन के बाद भी*
तभी तो दीवाना है इसका जमाना।।
पिता *विश्वाश* माता *सुरक्षा*
*समृद्धि* बहन और *संबल* है इसका भाई।
*जनकल्याण* की भावना से ओत प्रोत ये,
*स्वार्थ से परमार्थ* की सदा बजाई शहनाई।।
जब ऐसा वित्तीय संस्थान हो,
फिर संशय दिल में,
किस बात का लाना????,
और कहीं फिर क्यों हो जाना????
एल आई सी निवेश का सबसे सुंदर खजाना।।
एक घरौंदा विश्वाश का,
आओ हम सब लगाते हैं।
एल आई सी के प्रांगण में,
*सुरक्षा *का पौधा लगाते हैं।
समृद्धि और सुखद भविष्य का फल,
समय संग हम सब पाते हैं।।
तुझे नहीं,मुझे नहीं,
हम सब को ही इस फल को है पाना।
और कहीं फिर क्यों हो जाना??
एल आई सी निवेश का सबसे बेहतर खजाना।।
*सुखद वर्तमान और उज्जवल भविष्य* से एल आई सी का पुराना याराना।
कोई सपना न टूटे,कोई झुके न मस्तक
बना रहे स्वाभिमान, न हो कभी वीराना।।
इसी भाव से लबरेज निगम का सुंदर सा अनुरोध है आपसे,
इसके प्रांगण में ही आना।
और कहीं फिर क्यों हो जाना?????
*कल खेल में हम हों न हों*
पर सुरक्षित भविष्य तो हो हमारे अपनों का।
मूल में निहित यही सोच निगम की,
बना रहे स्वाभिमान हमारे अपनों का।।
*संबल का बन जाती है कंबल*
एल आई सी,
सिकुड़े न कोई भी भाव
कभी हमारे अपनों का।।
Comments
Post a Comment