महान सेनानी और क्रांतिकारी,
आज आपकी जन्म जयंती पर आपको शत शत प्रणाम।।
धन्य हुई धरा भारत की,
जन्मे जो आपसे सपूत महान।।
*राष्ट्र प्रेम ही सर्वोपरि है*
इसी भाव को रखा प्रधान।।
जाग रही थी क्रूरता उस दिन करुणा गहरी नींद में सोई थी।
सहम गया था अंबर,
धरा भी खुल कर रोई थी।।
खूब चली दना दन गोलियां,
बहुतेरो ने कुएं में जानें खोई थी।।14अप्रैल 1919 इस काली तारीख
को कालिमा ने भी आंख भिगोई थी।।
*जलियां वाला बाग हत्याकांड* देखा आप ने, उस पल ही बदले की ली थी ठान।
बेशक इसे अंजाम देने में लग गए बरस बीस,पर लक्ष्य साधा,बचा ली आन।।
इस काले अध्याय पर सफेद से तिलक हैं आप,यथोचित होगा कहना आपको हिंद की शान।।
युग आएंगे,युग जाएंगे,
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