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शेर ए पंजाब(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))


*मेरे सीने पर लगी एक एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के कफन में कील का करेगी काम*
निडरता पूर्वक कहने वाले *शेर ए पंजाब लाला लाजपत राय* को उनकी जन्म जयंती पर अगणित सलाम।।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक ने वतन की खातिर दे दी प्राणों की आहुति,
निज रक्त का एक एक कतरा कर दिया वतन के नाम।।
अपनी शहादत से जाने कितने ही उद्यम और भगत सिंह जण दिए,
आपके जज्बे को बारंबार सलाम।।

आज जयंती है *पंजाब केसरी*लाला जी की,ओजस्वी वक्ता,समर्पित समाज सेवी,आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा सा नाम।
सिद्धहस्त लेखक,कुशल संपादक,राष्ट्रवादी,राजनीतिज्ञ
सार्थक हैं आप पर ये सब संज्ञा सर्वनाम।।
और परिचय क्या दूं आपका???
पंजाब केसरी को आज ढेरों सलाम।।

*आर्य समाज मेरी धर्म मां,महर्षि दयानंद धर्म गुरु मेरे*
यह कहना था लाला जी का,
यही संबंध और संबोधन रहे चित में उनके सांझ सवेरे।।
धन्य हुई धरा भारत की,जहां लाल आपसे मां भारती के लिए हुए कुर्बान।
आपसे राष्ट्रवादी शिक्षा शास्त्री को
कभी नहीं भूल पाएगा ये जहान।।
और परिचय क्या दूं आपका,
शेर ए पंजाब को आज जन्म जयंती पर ढेरों सलाम।।

*शिक्षा शास्त्री और निर्भीक क्रांतिकारी*
आजादी की सुलगा गए चिंगारी।
समय संग बन गया जो शोला
बदल गई सोच समाज की सारी।।
और परिचय क्या दूं आपका???
आपकी करनी आज तलक भी न हमने बिसारी।।
कृतज्ञ राष्ट्र आज अपने वीर शहीद को कर रहा कोटि कोटि प्रणाम।
पंजाब केसरी,शेर ए पंजाब को दे रहा श्रद्धांजलि आपको ढेर सलाम।।
           स्नेह प्रेमचंद

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