[ साथी साथ निभाना ]
आज के दिन बस यही गुजारिश,
साथी साथ निभाना, साथी साथ निभाना।
सरल,सहज,सौम्य से हो जो तुम
बस प्रेम का सॉज बजाना।।
साथी साथ निभाना, साथी साथ निभाना।
बिन कहे ही मन की लेते हो जान
अब तो है तुमसे हर खुशी अपनी
इस सत्य का हो गया है भान।।
अनजानी राहों पर नए सफर के
जब तुम बने थे हमसफ़र मेरे
माँ बाबुल ने दिया था हाथ तुम्हे मेरा
अग्नि को मान साक्षी लिए थे फेरे
एक अनजान सा भय था दिल मे
उस भय को हटाया,प्रेम बसाया
जीवन पथ को सुगम बनाया।
इस जीवनसंगिनी को साथी
देखो कभी तुम भूल न जाना।
साथी साथ निभाना, साथी साथ निभाना।
एक गाड़ी के हम दो हैं पहिए
हमे संग संग ही आता है चलते जाना
एक की शक्ति होता है दूजा
बस प्रेम का छौंक लगाना।
साथी साथ निभाना।।
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