हौले हौले शनै शनै
एक दिन ये दिन आ ही जाता है।
कार्य क्षेत्र से हो निवर्त
व्यक्ति घर को आता है।।
जिंदगी की इस आपाधापी में
पता ही नहीं चलता,
कब ये समय बीत जाता है
एक लंबा सा सफर हौले हौले
मंजिल को छूने आता है।।
उतार चढ़ाव हैं दोनो ही जिंदगी के हिस्से,कभी उतार कभी चढ़ाव आता है।
But show must go on
इंसा समझ ही जाता है।।
नाम के अनुरूप ही हो आप कुसुम मैडम,महका देती हो समा सारा।
सच में महका दिया चमन आपने,
व्यक्तित्व आपका है बहुत ही न्यारा।।
हर काम किया सदा योजनाबद्ध तरीके से,आपके पदचिन्हों पर चलना हुआ ग्वारा।।
संघर्षों से टूटी नहीं,खुद को संभाला
फिर दिशा दी जीवन को नई,
हंसते हंसते पी गई आप कष्टों की हाला।।
किताब के गणित ही नहीं जीवन के गणित के समीकरणों को समझ कर बखूबी हल किया आपने,
सच में आप ही परिधि,आप ही व्यास।
यूं ही तो कुसुम मैडम आप नहीं हो इतनी खास।।
बेशक विद्यालय के प्रांगण में आप नजर नहीं कल से आओगे,
पर इतना तो दावे से कह सकती हूं मैं,
आप जिक्र जेहन से कभी नहीं जाओगे।।
जहां भी रहोगे,जो भी करोगे,सच में कुसुम सी महक जाओगे।।
आप स्वस्थ रहो,आप खुश रहो,
बस यही दुआ दे रही हूं बारंबार।।
जिंदगी की हर लंबाई और चौड़ाई
को गुणा कर क्षेत्रफल निकालना आपको बखूबी आता है।
प्रेम करने का आपका घनत्व सच में हम सब को तहे दिल से भाता है।।
त्रिज्या नहीं व्यास हैं आप,
आप की परिधि का बड़ी सोच से नाता है।।
हौले हौले शनै शनै दिन ये एक दिन आ ही जाता है।।
जमा हों आपकी खुशियां, गुणा होती रहे आपकी समृद्धि, घट जाएं सारे कष्ट आपके,यही दुआ आज के दिन का है उपहार।
अब एल्फा,बीटा,गामा से बेशक नहीं रहेगा वास्ता आपका,इकाई,दहाई,सेंकडा भी नहीं दोहराना पड़ेगा बार बार।।
एक यही दुआ है आपके लिए,
हों आपको सिर्फ और सिर्फ खुशियों के दीदार।।
आज के दिन तो दिल आपके लिए बस यही है गुनगुनाता है।
हौले हौले शनै शनै दिन ये एक दिन आ ही जाता है।।
दिल की कलम से
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