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हर युग में ((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

उठो,जागो और जब तक मत रुको,
जब तक लक्ष्य न मिल जाए।
स्वामी विवेकानंद जी का ये कथन,
हर चित को दिल से भाए।।

विनम्र बनो,साहसी बनो और बनो शक्तिशाली।
यह कहना था स्वामी जी का, हर बात थी उनकी बहुत निराली।।
गर्व से कहो हम हिंदू हैं,हिंदू होना है भाग्यशाली।।
कितनी बड़ी सोच,बड़े कर्म,विनम्रता उनकी मतवाली।।

ज्ञान प्राप्त करो,ज्ञान से होगा नाश अंधकार का।
ये कहना था स्वामी जी का,क्या कहना उनकी विहंगम सोच के आकार का।।

विश्व में भारतीय संस्कृति को गौरवान्वित करने वाले, युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत,स्वामी विवेकानंद जी की जयंती एवम राष्ट्रीय युवा दिवस की सबको शुभकामनाएं अनेकानेक।
ज्ञान प्राप्त करने से ही शमन होता है अंधकार का, कह गए विवेकानंद जी नेक।।

भारतीय अध्यात्म और संस्कृति का परचम आपने पूरे जग में लहराया।
परदेस की धरा पर आपका भाइयों और बहनों का संबोधन सबके दिल में उतर आया।।
युवाओं  के प्रेरणास्त्रोत रहे सदा,
आपका अस्तित्व हर वजूद को दिल से भाया।।
 स्नेह प्रेमचंद

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