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और परिचय क्या दूं तेरा???(( A tribute to Savitri Bai Fulle by Sneh premchand))

*शिक्षा है नारी का मौलिक अधिकार*
सावित्रीबाई फुले का ऐसा सशक्त विचार।
नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता,
 आज आपकी जन्म जयंती पर,
आपको नमन और वंदन बारंबार।।

कवयित्री,महान समाज सेविका,
देश की पहली महिला अध्यापिका,
सावित्री बाई फुले ने आजीवन किया महिला शिक्षा का प्रसार।
और परिचय क्या दूं तेरा?????
ओ देश की महानायिका!
ज्ञान बिना सूना है संसार।।

स्वाभिमान से जीने के लिए शिक्षा है
बहुत ज़रूरी,
पाठशाला ही इंसानों का है सच्चा गहना।
ऐसा था सावित्री बाई फुले का सबको कहना।।
वंचितों की जो बन गई आवाज
सदा शिक्षा का बजाया साज
उनके जीवन और कृत्य से आज भी अनभिज्ञ है ये संसार।
महिलाएं भी नहीं जानती किसके प्रयासों से मिली हैं शिक्षा इनको,
किसके प्रयासों से मिला है रोजगार।
कोई और नहीं,हैं वे सावित्रीबाई फुले,
आज उनकी जन्म जयंती पर शत शत नमन और वंदन उन्हें बारंबार।।

 उन्नीसवीं सदी में बाल विवाह,छुआछात,सती प्रथा,विधवा विवाह निषेध जैसी कुरीतियों पर आजीवन लड़ाई लड़ी जिन्होंने,
ऐसी सावित्री बाई फुले को शत शत नमस्कार।
और परिचय क्या दूं तेरा??????
ओ देश की महानायिका,नारी शिक्षा का सतत किया प्रसार।।

प्लेग जैसी संक्रामक बीमारी में भी की सेवा जाने कितने ही लोगों की,
महान सोच,ऊंचे कर्म,सफल परिणाम
की आई बहार।।
और परिचय क्या दूं तेरा?????
ओ देश की महानायिका!
नारी शिक्षा का सतत किया प्रसार।।

ज्ञान बिन पशु सम है मानव,
तमस हटा,शिक्षा की अलग जिसने जलाई।
कोई और नहीं,सिर्फ और सिर्फ हैं सावित्री बाई।।
वतन सदा ऋणी रहेगा आपका,
जाने सब आपकी महान सच्चाई।।
महिलाओं और दलितों का
 आपने सदा किया है उद्धार।
सोच, कर्म,परिणाम की ऐसी बहाई त्रिवेणी,सच में बदल दिया संसार।।
ओ नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता!
जन्म जयंती पर आपके शत शत नमन और वंदन बारंबार।।
      स्नेह प्रेमचंद

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