करबद्ध हम कर रहे,
परम पिता से यह अरदास।
मिले शांति स्वर कोकिला की
दिव्य दिवंगत आत्मा को,
है प्रार्थना ही हमरा प्रयास।।
सत्यम,शिवम,सुंदरम रहा सदा संगीतमय संसार आपका,
व्यक्ति नहीं,पूरी संस्था रूप में
आपका रहा सदा विकास।
त्याग,तपस्या,समर्पण,साधना,संयम,
सतत रियाज रहा परिचय आपका,
व्यक्तित्व रहा आपका बड़ा खास।।
कब है बदल जाता है था में,
हो ही नहीं पाता अहसास।
माटी मिल गई माटी में,
हैं सबके इस जग में गिनती के श्वास।।
रह कर भी महकी,ना रह कर भी महकेंगी आप सदा,
दें निज धाम में मां शारदा,आपको वास।।
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