तूं याद आती है मुझे
कैसे भुलाऊं री तुझे???
पल पल में तूं,आज कल में तूं,
यादें रुलाती हैं मुझे।।।
सांसों की डोर
हुई कमजोर
धड़कन रुकी
जिंदगी थमी
लागे है फिर भी
तूं है यहीं कहीं।।
तेरा अहसास
है बड़ा खास
लगता नहीं
तूं नहीं अब पास
सोचों में तूं
ख्यालों में तूं
हर गली में नजर
आती है मुझे।।
बहुत याद आती
है मुझे।।
सोचा ना था
समझा ना था
ये भी होगा
तूं ना होगी
भोर वो भी होगी
कैसे आए विश्वास
सोच की सरहद
जहां तक जाए
वहीं तक लाडो
तूं नजर आए
नही है पता मुझे
कितना प्यार तुझ से
पर ये पता है
हो भीड़ कितनी
आए नजर तूं
सच लाडो इतनी
चांद जैसे नजर
आता है मुझे।
बहुत याद आती
है मुझे।।
ओ चेतना
मेरी वेदना
कोई ना जाने री इसे।।
गहरे से घाव
सो गए चाव
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