अति खास है ये दिन आज का,
क्या आपने किया है तनिक विचार??
* हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत्* का क्या महत्व है,
अब तो जाने ये संसार,
अब तो जाने ये संसार।।
चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि ही,
हिंदू नव वर्ष का होती आधार।।
आज ही के दिन सूर्योदय से,
*सृष्टि की रचना*
रच गए ब्रह्मा जी,
अति खास वे रचनाकार।
क्यों????????????
अति खास है ये दिन आज का,
क्या आपने किया है तनिक विचार???
यही दिन है *श्री राम जी के राज्याभिषेक का*
धरा पर विष्णु का अवतार।
जब जब भी हुई धर्म की हानि,
किया ईश्वर ने बुराई का संहार।।
*धर्म एवं हतो हन्ति धर्मों रक्षतिरक्षित*
धर्म का नाश करे जो ,
धर्म कर देता है उसका नाश।
करे धर्म की रक्षा जो,
धर्म भी उसकी रक्षा करता है।।
सिखा गए रघुपति राघव राजा राम।
दुष्टों का संहार किया ,
सबके संवारे बिगड़े काम।।
इसलिए ही खास है
ये दिन आज का,
अब तो कर लो तनिक विचार।।
*राम से मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनने की कहानी *का जग को समझ में आ जाए सार।।
*शक्ति और भक्ति*के नौ दिन यानि *नवरात्र का प्रथम दिन* भी यही है,
है मां दुर्गा से बडा कौन तारणहार???
*या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः*
सभी प्राणियों में शक्ति रूप में निवास करती है जो देवी,
उसे नमस्कार नमस्कार बार बार नमस्कार।।
अब तो आ गया होगा समझ,
खास नहीं,अति खास है दिन आज का,
आओ मिल कर करें हम तनिक विचार।।
आज ही के रोज धन्य हुई थी धरा,
जो "अंगद देव जी* धरा पर आए थे।
सिक्ख परंपरा के द्वितीय गुरु रहे रहे,
बड़े ही पावन उजले इनके साए थे।।
ऐसी रूह जन्म ले जिस दिन,
वो दिन सच में युगों युगों तक हो जाता है यादगार।
खास नहीं,अति खास है ये दिन आज का,कर लो बंधु तनिक विचार।।
*आर्य समाज की स्थापना हेतु स्वामी दयानंद सरस्वती* ने आज ही दिन का किया था वरण।
धन्य हो गई धरा भारत की,
धन्य स्वामी जी,वंदनीय उनके चरण।।
एक नहीं अनेक शुभ कर्म हुए थे आज के दिन,जिक्र किया है जिनका सिलसिलेवार।।
इसलिए खास है आज का दिन,
देख लो कर के कितना ही विचार।।
*संत झूलेलाल* भी आज के के रोज हुए थे प्रकट,
सिंध प्रांत के प्रसिद्ध समाज रक्षक
वरुणावतार।
बढ़ गया इस दिन का और भी महत्व,देख लो चाहे बारंबार।।
अति खास है दिन आज का,
देख लो, कर के तनिक विचार।।
हूणों को परास्त कर *शालिवाहन* ने दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य कर के स्थापित,
किया उसका अति विस्तार।
आज ही के रोज तो राज्याभिषेक हुआ था धर्मराज युधिष्ठर का,
धन्य ये दिन,धन्य इस दिन का सार।।
*न्यायशास्त्र के रचयिता महर्षि गौतम* का भी जन्मदिवस है आज,
एक नहीं आज के दिन तो खुशियां बिखरी थीं फिजा में बेशुमार।
और परिचय क्या दूं इस दिवस का?????
मेरी लेखनी तो करती है नमन इसे
शत शत बार।
*प्राकृतिक महत्व*भी बहुत गहरा है हिंदु नववर्षका,
उल्लास,उमंग,सुगंध हर दिशा में,बसंत ऋतु के आगमन का यही आधार।
*फसल *भी पकती है किसानों की इस बेला में,
हलधर ही तो धरा का सच्चा श्रृंगार।
निखर जाता है रूप प्रकृति का,
शस्यश्यामला धरती मां जैसे यौवन का पूरा निखार।
ओढ धानी चुनरिया लहराता है जर्रा जर्रा,प्रफुल्लित सा चित देता है दस्तक खुशी के द्वार।
शुभ स्थिति में होते हैं नक्षत्र इस बेला में,
मांगलिक कार्य हो सकते हैं साकार।
*शुभ मुहूर्त *है यह समय किसी भी शुभ काम के लिए,इस मंगल घड़ी को हमारा नमस्कार।।
आओ दें हिन्दू नववर्ष की शुभकामनाएं एक दूजे को,
सुख,शांति,समृद्धि दे दस्तक
सबके घर द्वार।।
घरों के द्वार पर आओ सजाएं
आम्र पतों की वंदनवार।
पुष्पों से कोना कोना महका दे,
रंगोली से हर रंग सजा दे,
धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की
लाएं बहार।।
हर्षोल्लास संग,*हिंदू नव वर्ष*
मनाएं हम सब,
यही हमारा है सबसे बड़ा त्योहार।।
अब तो आ गया होगा समझ,
क्यों अति खास है ये दिन आज का,
जानो ये सच्चाई सारी,
वही हो फिर हमारी सोच का आधार।।
स्नेह प्रेमचंद
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