सोचा ना था पल पल परछाई सी संग रहने वाली अचानक ही जिंदगी के रंगमंच से कभी वापस न लौटने के लिए चली जाएगी।।
सोचा न था यूं अचानक ही पर्दा गिर जाएगा।।
सोचा ना था घर में सबसे छोटी पर औरे में सबसे बड़ी होगी।।
सोचा ना था इतने दौर ए आजमाइश से गुजरना होगा।।
सोचा ना था उपलब्धियां भी बहुत होंगी और परीक्षाएं भी बहुत।।
सोचा ना था यूं परदेस की धरा पर तूं सदा के लिए परदेसी हो जाएगी।।
सोचा ना था तूं सच की डिप्लोमेट निकलेगी और यूं अचानक ही हौले से गायब हो जाएगी।।
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