हर सपने के होते थे पंख,
और पूरा हो जाता था हर सपना।
हर खिलौने के लिए होती थी इच्छा
और हर खिलौना हो जाता था अपना।।
ये सब बाबुल के जग में होने से होता है,
चित में चिंता का नही होता वास।
शायद यही कारण है,
तभी बाबुल बेटी का रिश्ता है खास।।
मा तो कह देती है मन की,
पर बाबुल नही करता इज़हार।
ऊपर से कठोर,नरम भीतर से,
यही होता है बाबुल का प्यार।।
कितना कुछ क्षमता से
अधिक करते हैं मा बाप,
ये खुद मा बाप बन कर
हम करते हैं स्वीकार।।
Comments
Post a Comment