आती जाती सांस में,
हो राम का नाम।
नहीं मात्र हनुमान के,
सबके चित में राम।।
राम रात्रि,राम दिवस,
राम भोर शाम।
इक्ष्वाकु वंश के गौरव,
रघुपति राघव राजा राम।।
*शौर्य,साहस,पराक्रम संयम
लगन विवेक दया,शील,मर्यादा*
यही पता है राम अस्तित्व का
थोड़ा नहीं,
समझ आता है ज्यादा ज्यादा।।
राम से *मर्यादा पुरषोत्तम राम* बनने की कहानी का हो हमे भान।
मर्यादा,संयम,त्याग की बहाई त्रिवेणी,
पिता के वचन की रखी आन।।
*रघुकुल रीत सदा चली आई,
प्राण जाए पर वचन ना जाई*
मात्र कथनी में नहीं,
करनी में निभा गए श्री राम।
आती जाती सांस में
हो राम का नाम।।
एक राम का नाम ही,
समझो, हो गए चारों धाम।।
*नहीं मात्र हनुमान के,
सबके चित में राम*
राम हिम्मत,राम हौंसला
राम संघर्षों का नाम।।
अनुकरणीय है जीवन राम का,
राम के संस्कारों को ढेर सलाम।
राम सा पुत्र,राम सा मित्र,
राम सा भाई
सीखें बनना, हम उम्र तमाम।।
*नहीं मात्र हनुमान के,
सबके चित में राम*
*शबरी के आराध्य हैं राम*
*अहिल्या के तारणहार हैं राम*
*भरत लखन शत्रुघ्न के प्यारे भाई राम*
*16 कलाओं के स्वामी श्री राम*
*मात पिता की आंखों के तारे राम*
*पूरी प्रजा के चित में बसने वाले राम*
*हर युग हर काल में प्रासंगिक राम*
*अधिकार संग जिम्मेदारी हैं राम*
*रक्षक राम,न्यायप्रिय राम*
और परिचय क्या दूं आपका????
कण कण जर्रे जर्रे में समाए राम।
मुझ में राम,तुझ में राम।।
जानकीवल्लभ श्री राजा राम।।
और अधिक नहीं आता कहना,
लफ्जों का नहीं,
भावों का है बस काम।।
आती जाती सांस में
बस हो राम का नाम।
*नहीं मात्र हनुमान के,
सबके चित में राम*
*राम भाव,राम शब्द,राम प्रेम अनुराग*
*राम पुष्प,राम कली,राम फल पराग*
*राम कला, राम काल,राम संयम, त्याग*
*राम प्रेरणा,राम प्रेम,राम प्रीत, वैराग*
*राम वचन,राम सोच, राम कर्म, राम परिणाम*
*राम भगति, राम शक्ति,राम ज्ञान, विज्ञान*
*राम शब्द, राम अर्थ,राम जन कल्याण*
*राम तीरथ, राम पूजा, राम चारों धाम*
*राम श्रद्धा, राम आस्था, राम ही विश्वास*
*राम दिल, राम धड़कन,राम प्राण श्वास*
*राम मोक्ष, राम स्वर्ग, राम चेतना का नाम*
नहीं मात्र हनुमान के,सबके चित में राम।।
**आती जाती सांस में,हो राम का नाम**
*हरि अनंत हरि कथा अनंता*
हैं तुलसी मानस के ऐसे श्री राम
स्नेह प्रेमचंद
Comments
Post a Comment