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और कहीं फिर क्यों हो जाना????((( रचना स्नेह प्रेमचंद द्वारा)))

और कहीं कहीं फिर क्यों हो जाना???
 **एलआईसी**सर्वोत्तम उत्पादों का अनमोल खजाना।।

 जीवन के साथ भी जीवन के बाद भी *जीवन आनंद* ने निभाया साथ।
सुरक्षा सहेजे,सुख दुख के साथी,
सच में एलआईसी के दो हाथ।।
आजीवन सुरक्षा और नॉमिनी के लिए इस योजना में विशेष उपहार।
सच में हो आनंदमय हो जाता है जीवन,ले ली जीवन आनंद जो एक बार।।

 एलआईसी वह विशाल वृक्ष है, जिसकी फैली शाखाओं से नहीं रहा अब कोई अनजाना।
और कहीं फिर क्यों हो जाना???? एलआईसी,सर्वोत्तम उत्पादों का अनमोल खजाना।।

 मिले सबको स्वस्थ निरोग सा जीवन *जीवन आरोग्य* इसी भाव का करती आह्वान।
 *जीवन अक्षय* हो जाए जन जन का, 
*जीवन अमर*का भी हमारे उत्पादों में है प्रावधान।।
कम प्रीमियम में अधिक रिस्क कवर,अदभुत टर्म इंश्योरेंस प्लान।।

एलआईसी सुरक्षा की वह पतंग है जिसे, विश्वास डोर आता है बनाना।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना???
एल आई सी,सर्वोत्तम उत्पादों का अनमोल खजाना।।

 कोई फैंके ना कंकर शांत से जीवन में,
 इसी भाव से *जीवन शांति* आई। *जीवन ज्योति* रहे सदा चमकती यही निगम ने बजाई शहनाई।। 

एलआईसी वो *अखंड ज्योति* है दैदीप्यमान रहता है जिसमें अनमोल खजाना।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना??? निगम हमारा,गुणों का खजाना।

एल आई सी सच्चा *जीवन मित्र* है,तिगुना रिस्क कवर  बीमाधारी को भाएगा।।
*जीवन लक्ष्य* हो सदा ऊंचा हमारा, *जीवन लाभ* फिर खुद ही मिल जाएगा।
कम प्रीमियम,अधिक रिटर्न,लाभ ही लाभ जीवन में जुड़ता जाएगा।।

 *जीवन अक्षय*हो जन-जन का, निगम प्रांगण में मन, *जीवन शांति* पाएगा।।
एलआईसी विश्वास की वह गंगोत्री है,सुरक्षा की गंगा को जहां से बहता है बखूबी आना।।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना??
एल आई सी अनमोल उत्पादों का सर्वोत्तम खजाना।।

बीच बीच में धनराशि देते 
निगम के विविध मनी बैक प्लान।
जैसी जरूरत वैसी ही पॉलिसी,
रखा है निगम ने इस बात का ध्यान।।

क्या आपने अब तक नहीं देखा??
 आ गई एलआईसी की धन संचय और धन रेखा।।

शेयर मार्केट में जो करना चाहे निवेश।
*एलआईसी सीप योजना* अति विशेष।।

 एलआईसी आस है, विश्वास है,
 आता है इसको, साज सबके भले का सुंदर सा बजाना।।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना??
एल आई सी का हर कोई बना दीवाना।।

 *बीमा बचत* आवश्यक रूप से बचत करवाता है।
 फिर खुद ही जीवन *जीवन उमंग*
 से भर जाता है।।

 *जिंदगी के साथ भी है एलआईसी जिंदगी के बाद भी है*
 आता है इसे सच्चे जीवन साथी का साथ निभाना।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना???
निगम हमारा सुरक्षा समृद्धि का अनमोल खजाना।।

 नारी शक्ति के लिए भी खजाने में इसके *आधार शिला*और *धनरेखा*
कम प्रीमियम में उपलब्ध पॉलिसी
 क्या आपने अब तक नहीं देखा??? एलआईसी विश्वास का वह सुमन है निज महक से हर वर्ग को आता है जिसे महकाना।।

 *विश्वास, सुरक्षा, बचत,समृद्धि*
 हैं चारों *आधार स्तंभ* हमारे।
 *जीवन सरल*हो जन-जन का यही कोशिश निगम की सांझ सकारे।।

 एलआईसी विश्वास की वह सीढ़ी है जिसे आता है फर्श से अर्श तक ले जाना ।।
और कहीं फिर क्यों हो जाना??
एल आई सी का यूं हीं तो नहीं होता हर कोई दीवाना।।

 **जीवन अनुराग**से ओत प्रोत सदा, यही *जीवन स्नेह* का भी है संदेश।
 आशादीप ना बुझे कभी कहीं 
देश हो या फिर हो प्रदेश।।

 एलआईसी वह ढफली है,
 सर्वे भवंतु सुखिया की धुन को आता है जिसे बखूबी बजाना।।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना??

 *धन संचय*भी देखो कैसे कितने जोश से आई है।
 आवश्यक बचत की मांग में
 सिंदूर भर सुरक्षा का लाई है।।

 *जीवन उमंग* ने पोषित की हर उमंग जीवन में,परिपक्वता राशि के बाद भी आजीवन पेंशन का किया भुगतान।
हर उत्पाद अनोखा एलआईसी का, क्या क्या करें अब और गुणगान???

 और परिचय क्या दूं तेरा???
एलआईसी संस्था वित्तीय अति महान 

एलआईसी है *सुरक्षा,संरक्षा और समृद्धि की त्रिवेणी*
 आता है इसे हर दिल में अपनी जगह  बनाना।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना???

 हर किशोर को मिले सुरक्षा 
*जीवन किशोर* ने इसी भाव को है सहलाया।
 *जीवन तरुण* ने भी दस्तक दी सुरक्षा की चौखट पर,
 ले उत्पाद,मन हर्षित हो आया।।

 परिवर्तनकारी दृष्टिकोण अपना कर, नवीनीकरण द्वारा उत्कृष्टता पाकर आता है इसे नए क्षितिज की ओर चले जाना।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना?? 

*जीवन श्री* उत्पाद खास है
 अच्छे धनराशि मिलने की आस है *बीमा ज्योति* से आलोकित हो रहा है घर आंगन,
 समृद्धि का जैसे इस के अंतः करण में वास है।।

 विश्वास की कावड़ में सुरक्षा का जल है एलआईसी,
 नए-नए कीर्तिमान संग आता है इसे दिलो-दिमाग में छाना।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना???? 

*प्रधानमंत्री वय वंदन योजना* ने सीनियर सिटीजन को बनाया आश्वस्त और धनवान।
मूल में इसके निहित बस एक ही भावना,बड़ों का आजीवन बना रहे स्वाभिमान।।
 ,*लोक कल्याण* की भावना से ओतप्रोत है एलआईसी,
 सुरक्षा ज्योति को सदा आता है इसे जलाना।
 और कहीं फिर क्यों हो जाना???

 *जीवन आधार*करे सपने साकार *जीवन सरिता* सुखद भविष्य की कविता।
 *कैंसर कवर* खर्चे का सिमट जाता है  डर
*जीवन ज्योति* जैसे सीप के मुख में अनमोल सा मोती
*जीवन दीप* सुरक्षा का गीत
*जीवन शगुन* विश्वाश की धुन
*जीवन सुगम* गई जन जन में रम
*जीवन शिखर* नहीं रहता कोई डर
*जीवन शिरोमणि* उच्च आय वर्ग के लिए वरदान
*जीवन उत्कर्ष* ली बीमाधारक ने सहर्ष
*जीवन किशोर* करे भाव विभोर
*जीवन छाया* लाए सुरक्षा और माया
*जीवन निवेश* सच अति विशेष
*जीवन प्रमुख* करे ना कभी एल आई सी से विमुख
*जीवन तरंग* लाए सदा उमंग
*जीवन मधुर* फिर किस बात का डर
*जीवन अमृत* वास्तव में सुकृत
*जीवन आस्था* विश्वास का रास्ता
*जीवन वर्षा* ले कर मन हर्षा
*जीवन मंगल* समृद्धि का जंगल
*जीवन रक्षक* नहीं रहता कोई भक्षक
*कोमलजीवन* करे बच्चों की शिक्षा का प्रावधान,
समय समय पर धनराशि का भुगतान
*जीवन साथी* ताउम्र साथ निभाती
हो जाए गर कोई अनहोनी,
फिर भी पॉलिसी चलती जाती
*न्यू जीवन निधि योजना* की बड़ी प्यारी विधि
*जन रक्षा* कम आय वर्ग की करे सुरक्षा
* जीवन भारती* जैसे एल आई सी की मधुर सी आरती
*बीमा गोल्ड* कभी होए ना ओल्ड
*जीवन धारा* सच बड़ा सहारा

एल आई सी के गुलदस्ते में उत्पादों के अनेक पुष्प हैं,
रहे ना कोई अब इससे अनजाना।
हर पॉकेट में हों अब विविध पॉलिसी,निगम हमारा सर्वोत्तम उत्पादों का अनमोल खजाना।।
और कहीं फिर क्यों हो जाना?????
     स्नेह प्रेमचंद



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