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सपने वे हैं जो हमे सोने नहीं देते(( विचार स्नेह प्रेमचंद))

**सपने वे हैं जो हमे सोने नही देते**

स---पने हों ऊंचे,
हों बुलंद इरादे,
कर्म की कावड़ में मेहनत का जल भरने वाले थे अब्दुल कलाम।।

प---नपे नई सोच का अद्भुत अंकुर हर दिलोदिमाग में,
हर जीवन फिर बन जाये आसान।।

ने--क थी नीयत,
 नेक थी सीरत,धीरज की बाँसुरी से कर्म की मनमोहक धुन बजाने वाले थे अब्दुल कलाम।।

वे---बहुत खास थे,एक मीठी आस थे,अनदेखी,अनखोजी राहों पर चलने हेतु प्रेरित करने वाले थे अब्दुल कलाम।।

हैं---आज नही वो संग हमारे,
पर अनमोल सीख तो उनकी सदा संग रहेगी।

जो----देखो सपना,उसे पूरा करने की ठानो, 
आत्मा अब्दुल कलाम की आज भी यही कहेगी।

ह---र  हालत में तुम सोचो सकारात्मक,,
कर्म की लेखनी से किस्मत का भाग्य बदल डालो।

में---हनत की चम्मच से पीयो ज्ञान का प्याला,
व्यर्थ की कुंठाएं किसी भी हाल में मत पालो।

सो---ने सा सुंदर दिल था उनका,
कुदरत की नायाब कृति थे अब्दुल कलाम।

ने---की,विनम्रता,साहस,धीरज का अद्भुत सा पर्याय थे अब्दुल कलाम।

न---कारात्मक नही हुए कभी भी विषम हालातों में,
जर्म की खड़ाऊं से सफलता के मार्ग पर चलने वाले थे अब्दुल कलाम।

ही---रा भी कोहेनूर थे वे,
परखने वाले जौहरी ही थे बस कम।

दे---ना ही देना सीखा जिन्होंने,बांटा ज्ञान, कम किये लोगों के गम।।

ते---रा मेरा,काशी काबा कुछ नही मानते थे,उनकी वसुधैव कुटुम्बकम की सोच को दिल से सलाम।।

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