माँ की रचना करने वाले,दो मेरे सवाल का जवाब ओ रचनाकार।
क्या,कैसे,किस भाव का उठा सैलाब तेरे हिया में,जो माँ के व्यक्तित्व को दे दिया आकार।
पूरे ब्रह्मांड में शायद वो दिन ही तो सबसे शुभ दिन होगा।
की होगी जब तूने माँ की रचना,वो पल आज तलक सबसे सुंदर पल होगा।।
जिस दिन तूने रच दिया था माँ को,आधी हो गयी थी तेरी ज़िम्मेदारी।
तुझे मिल गयी थी कोई तुझ सी ऐसी,पूरे जहां जी जिसने तकदीर सँवारी।
मैं नही हम सब जानना चाहते हैं,माँ को रच दिया तूने कैसे ,किस प्रकार?????????????????
Comments
Post a Comment