*सेवा संग मुस्कान*
यही निगम की सच्ची पहचान
सुरक्षा,संरक्षा और समृद्धि
इन्हीं भावों का निगम ने पहना परिधान।।
नवीनीकरण द्वारा परिवर्तनकारी दृष्टिकोण अपना कर,
किया सदा ही जनकल्याण।
अहम से वयम का बजा शंखनाद,
हुए हकीकत में हम धनवान।।
विश्वाश पिता,सुरक्षा माता
समृद्धि बहन और आश्वाशन है जिसका सगा भाई।
कोई और नहीं वो है संस्था हमारी,
आज उसके 66 वें जन्मदिन पर
सबको बधाई,सबको बधाई।।
बधाई की इस शहनाई से
आह्लादित सा मन,प्रफुल्लित सा तन पड़ता है जान।
सेवा संग मुस्कान
यही निगम की सच्ची पहचान।।
*ग्राहक ही है सर्वोपरि*
संतुष्ट ग्राहक निगम की जान।
सौ बात की एक बात है
**समाधान हेतु आगमन,
संतुष्टि सहित प्रस्थान**
हर दुविधा के समाधान की
मिले उसे सुविधा,
ग्राहक तो हमारे प्रांगण में ही भगवान।।
सेवा संग मुस्कान
यही एल आई सी की सच्ची पहचान।।
बरस 66 का हुआ परिपक्व निगम अब,वंदनीय है इसकी आन,बान और शान।।
बदल रहा है परिवेश,
बदल रहा है कार्य प्रणाली का जहान।।
हर शिक्षण और प्रशिक्षण से हों अपडेट हम,
खुशी खुशी बढ़ाएं अपना ज्ञान।।
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