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किसी का बल किसी का दिमाग(( विकार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

किसी का बल अच्छा होता है 
किसी का अच्छा होता है दिमाग
दोनों ही हों अच्छे जिसके
हमारा प्यार हिसार समूह है उसका जवाब।।
कर्मों का हर्फ अगर हों सुंदर,
फिर सुंदर बन जाती है जिंदगी की 
किताब।।
एक संज्ञा से नवाजा जाए इस समूह को तो होगी वो निश्चित ही आफताब
कर्मों की आवाज कभी शब्द नहीं आचरण होता है चाहे लगा कर देख लो हिसाब।।
बहुत सारी सकारात्मक शक्तियां जब कुछ भी करने का लेती हैं ठान।
सफलता बिन बुलाए दस्तक दे देती है जिंदगी की चौखट पर,मान चाहे या ना मान।।
कला जीने को सुंदर बनाती है
उदास चेहरों पर मुस्कान ले आती है
कला जिजीविषा को गले लगाती है
कला इंसान को पशु से अलग बनाती है।
कला उस जगत में ले जाती है हमको,
जहां रचनात्मकता  का मिलता है उपहार नायाब।।
साहित्य,संगीत और कला के बिन मानव अधूरा है,हमारा प्यार हिसार समूह है इस कथन का जवाब।।
मेरी तो यही अनुभूति है,
मुझे आपका नहीं पता जनाब।।
           स्नेह प्रेमचंद

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