कहे प्रेमवचन सुनो मेरे साथियों
क्या भाई दूज पर्व का है तुम्हे अहसास।
भाई जैसा कोई न दूजा
हर बहन को हो भाई से ये आस।।
आस न टूटे,विश्वास न छूटे
ताउम्र हो एक दूजे के मन मे वास।।
बहुत गहरा हिना से भी गहरा है ये नाता।
खून के रिश्ते,हों इतने पक्के,दोनो को ही हो इसको निभाना आता।
दोनो के ही जीवनसाथी तो बड़ी देर से जीवन मे आये है।
पर भाई बहन ने तो बचपन के अनुभव,कब से संग में बिताए है।।
इस खास बात का दोनो को ही हो अहसास।
अपनी सोच का रिमोट न दे हम किसी दूसरे के हाथ मे,विवेक और दिल तो है हमारे भी पास।।
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