भा **ई जब बहन को बच्चों की शादी में देता है जो सौगात
त** न मन दोनों हो जाते हैं भाव विहल,
प्रेम संबंध खिल जाते हैं जैसे पारिजात।।
लेन देन की बात नहीं ये,
स्नेह,परवाह,चिंता,अपनत्व की है बात।।
भाई की लंबी उम्र की करती है दुआ बहना दिन और रात।।
ध्यान से देखना उस मां जाई को,
आ जाते हैं नजर मात और तात।।
कोई दौलत और जागीर नहीं,
उसे चाहिए बस प्रेम की सौगात।।
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