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स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार

**है स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार**
कह गए पंजाब केसरी लाला लाजपत राय सच्चे देशभगत,स्वतंत्रता सेनानी,
नेता,लेखक,वकील,समाज सुधारक,आर्य समाजी,
यही परिचय आता है जेहन में बार बार।।

**मेरे तन पर पड़ी एक एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य में कील साबित होगी**
कितना सत्य कितना भावपूर्ण उनका उदगार।।

**मनुष्य अपने गुण से आगे बढ़ता है दूसरों की कृपा से नहीं**
हर कथन उनका उनके जैसा ही दमदार।।
शिशुओं के लिए दूध,व्यस्कों के लिए भोजन और सब को मिले शिक्षा का अधिकार।
यह मानना था लाला जी का,
*विहंगम सोच* निभाया बखूबी अपना किरदार।।

*निर्दोष लोगों पर जो करती है हमला*
कैसे सभ्य हो सकती है वो सरकार??

*पराजय और असफलता कभी कभी विजय की ओर बढ़ता कदम है*
 जान ले सत्य सारा संसार।।
पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ शांति पूर्ण साधनों से उद्देश्य पूरा करने के प्रयास को ही कहा जाता है अहिंसा का सार।

*साइमन गो बैक*का नारा देने वाले पंजाब केसरी लाला जी को शत शत नमन और वंदन बारंबार।।

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