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चंद लफ्जों में कैसे कह दूं???(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))


चंद लफ्जों में कैसे कह दूं
50 बरस की लंबी कहानी।
कभी धूप कभी छांव सी जिंदगी
कभी लहरें सुनामी की,
कभी ठहरा सा पानी।।

आज जन्मदिन पर जननी को
जिक्र जेहन से कभी ना भुलाना।
मां के जीवन का सबसे मधुर
औलाद ही होती है तराना।।
एक नहीं आज दो दो प्रेम दीप
ओ प्रेम सुता! बड़े प्रेम से जलाना।।
स्नेह सुमन खिले सदा तेरे अमिट जीवन में,चलती रहे यूं हीं जिंदगानी।।
चंद लफ्जों में कैसे कह दूं
बरस 50 की अदभुत कहानी।।
पता ही नहीं चला,
कब छोटी सी सुमन बन गई सयानी।।

आज देखना अनंत गगन में
कोई तारा कुछ जायदा ही चमकता होगा।।
कोई और नहीं जो देख रही होगी ऊपर से,निश्चित ही होगी वो मेरे बच्चों की नानी।।
जो न जेहन से न जिक्र से जाती है मेरे,सच में उसकी यादें बड़ी सुहानी।।
चंद लफ्जों में कैसे कह दूं????
अर्ध शतक की अद्भुत कहानी।।

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