ईश्वर का अद्भुत वरदान होता है कलाकार।
जन्मजात खूबियों को कर्म की कूची से दे देता है आकार।।
सृजन होता है जब भी कहीं किसी कला का,मां सरस्वती की कृपा होती है अपार।।
ख्वाब बन जाते हैं फिर हकीकत,
सफलता खटखटाने लगती है जिंदगी का द्वार।।
संकल्प से सिद्धि तक का सफर बन जाता है यादगार।।
धानी से श्यामल हो जाती है हिना,
आता है रंग सच में दमदार।।
हिना आप भी अपनी कला से
पाना सफलता बेशुमार।।
यही दुआ है आज के दिन मेरी ओर से,कर लेना इसे प्रिय स्वीकार।।
हजार शब्दों पर भारी पड़ता है एक चित्र,सच में धन्य है कला,धन्य है कलाकार।।
Comments
Post a Comment