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मुबारक मुबारक जन्मदिन मुबारक(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*हर" सफर हो जाता है आसान*
           " गर तुम साथ हो"

*हर समस्या का मिल जाता है समाधान*
             "गर तुम साथ हो"

*हर तूफान में मांझी को मिल ही जाती है पतवार*
              *गर तुम साथ हो*

*हर धुंधलाया मंजर हो जाता है साफ*
             "गर तुम साथ हो"

*हर अग्निपथ बन जाता है सहज पथ*
             "गर तुम साथ हो"

*हर भूल भुलैया में मिल ही जाती है राह*  
             "गर तुम साथ हो"

*हर पल बन जाता है उत्सव*
             *गर तुम साथ हो*

*हर दिन होली हर रात है दीवाली*
            *गर तुम साथ हो*

*हर तमस बन जाता है उजियारा*
            "गर तुम साथ हो"

*हर सुर को मिल जाती है सरगम*
            "गर तुम साथ हो"

*हर संकल्प की हो जाती है सिद्धि*
            "गर तुम साथ हो"

*हर रंगोली मिल जाती है इंद्रधनुष से*
          "गर तुम साथ हो"

*हर प्रयास को मिल जाती है उपलब्धि*
          " गर तुम साथ हो"

*हर इजहार को मिल जाती है अभिव्यक्ति*
         "गर तुम साथ हो"

मुबारक  मुबारक जन्मदिन मुबारक
यूं हीं चलती रहे जिंदगी यूं हीं बना रहे सच साथ हमारा।।
मैं मौज तुम साहिल हो,कभी ना करना साथी किनारा।।
56 बरस लम्हा लम्हा बीत गए जीवन के, बने जीवन के सफर में एक दूजे का सहारा।।


*प्रेम,समर्पण,परवाह, विश्वास 
इन्हीं से बनता है नाता ये अति खास
सच में धनवान हो जाते हैं हम;
*गर ऐसा हमसफर हो हमारे पास*



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