*मुझे कुछ कहना है*
फिर सोचती हूं,
चंदलम्हों में कैसे कह दूं
बरस 25 की लंबी कहानी???
दौर बदलते रहते हैं ,कभी सुनामी है जिंदगी और कभी है ठहरा पानी।।
लम्हा लम्हा बीते बरस 25,
बाबुल की राजकुमारी बनी रावलस के घर की रानी।
आज सिल्वर जुबली है कभी गोल्डन फिर डायमंड जुबली मनाना,है ना ये दुआ कितनी सुहानी।।
सिया सरू दो पुष्प खिले चमन में,
हमारी सुमन भई अमित दीवानी।।
एक दुआ है दीनबंधु ईश्वर से,
यूं हीं चलती रहे ये जिंदगानी।।
प्रेम लाभ मिलता रहे सदा जीवन में,
हो ना कभी जीवन में तेरे प्रेम हानि।।
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