*मलिकार्जुन कहो या कहो इसे दक्षिण का कैलाश*
*एकमात्र है ये ज्योतिर्लिंग,
जहां शिव पार्वती संग करते हैं वास*
आंध्रप्रदेश के नंदयाल जिले में है *मल्लिकार्जुन* सच में अति खास
पुत्र कार्तिकेय को मनाने के लिए पार्वती और महादेव ने यहां दिए थे दर्शन,करने लग गए फिर यहीं पर वास
इसलिए नामकरण हुआ इसका मल्लिकार्जुन,सच में कितना सुखद आभास।
अश्वमेघ यज्ञ जैसा मिलता है पुण्य यहां पूजन करने से,
सच में खास नहीं अति खास
शिवरात्रि पर 11 दिन का होता है ब्रह्मोत्सव,महारुद्राभिषेक का भी आयोजन,
मन के गलियारों में जैसे भरा उजास
रथ पर शिव पार्वती की निकले जब सवारी, जन जन को आती है रास।।
सत्य ही शिव,शिव ही सुंदर,
चित में बस जाता है सच ये
दक्षिण का कैलाश।।
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